भारतीय अर्थव्यवस्था में पशुपालन का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है।भारत दुग्ध उत्पादन में विश्व में प्रथम, अण्डा उत्पादन में विश्व में तृतीय तथा मांस उत्पादन में सातवें स्थान पर है।यही कारण है कि कृषि क्षेत्र में जहाँ हम मात्र 1-2 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर प्राप्त कर रहे हैं वहीं पशुपालन से 4-5 प्रतिशत।अगर इनसे सम्बंधित उपलब्ध नवीनतम तकनीकियों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाय तो निःसंदेह ये गरीबों के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता हैं।पशुपालक मित्र पत्रिका इस दिशा मे एक छोटा कदम है । पशुपालक मित्र पत्रिका एक त्रिमासिक (जनवरी, अप्रैल, जुलाई अक्टूबर) डिजिटल पत्रिका है ।